• Diwali 2025: दिवाली पर 100 साल बाद महालक्ष्मी योग, जानें लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

    Diwali 2025 Shubh Muhurt: दिवाली पर करीब 100 साल बाद बन रहा महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण अपने आप में सुखद है. इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है. कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर दोपहर 03:44 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर शाम 05:54 समाप्त होगी. इस साल दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का सर्वोच्च शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 18 मिनट तक रहने वाला है.
    नई दिल्ली/रायपुर, 20 अक्टूबर 2025। हर साल कार्तिक अमावस्या पर दीपावली का त्योहार मनाने की परंपरा है. इस साल दीपावली का शुभ पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. कहते हैं कि दीपावली की रात मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को धनधान्य,  सुख-संपन्नति का वरदान देती हैं. इसलिए दिवाली की रात लोग मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं. ज्योतिषविदों का कहना है कि इस साल दिवाली का त्योहार बेहद खास रहने वाला है. दिवाली पर करीब 100 साल बाद महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण होने जा रहा है. 
              ज्योतिषाचार्य प्रतीक भट्ट ने बताया कि दिवाली पर करीब 100 साल बाद महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण अपने आप में सुखद है. साल 2025 लोगों के लिए काफी उठा-पटक भरा रहा है. युद्ध, तनाव, शेयर बाजार में गिरावट आदि के बाद दिवाली पर इस महालक्ष्मी राजयोग का बनना किसी शुभ संकेत की दस्तक जैसा है. महालक्ष्मी योग के चलते आम लोगों को आर्थिक मोर्चे पर जबरदस्त लाभ हो सकता है.

    उपाय- दिवाली पर कौड़ियां लाकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें. लक्ष्मी जी को खील बताशे का भोग लगाएं. यदि घर में लड्डू गोपाल रखे हैं तो उन्हें नए वस्त्र जरूर अर्पित करें.
             आचार्य राज मिश्रा ने बताया कि दिवाली के इस शुभ मौके पर चंद्रमा-मंगल की युति बन रही है. बुध-शुक्र के राशि परिवर्तन से विपरीत राजयोग का निर्माण भी हो रहा है. दूसरा, 19 अक्टूबर को गुरु का उच्च की राशि कर्क में प्रवेश करना वास्तव में इस दीपावली को शुभ दीपावली बना रहा है.
    उपाय- इस दीपावली रंगोली आदि की सजावट में दही और दूर्वा का प्रयोग जरूर करें. ज्योतिष में दही शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है. इस दिवाली घर की सजावट में इन दो चीजों का प्रयोग बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है.

    क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त? (Diwali 2025 Laxmi Puja Shubh Muhurt)
    इस बार दिवाली पर पूजा के तीन खास मुहूर्त रहने वाले हैं. आप सुविधानुसार किसी भी मुहूर्त में देवी लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं.

    पहला शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)- शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक.

    दूसरा शुभ मुहूर्त (वृषभ काल)- शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट तक

    तीसरा शुभ मुहूर्त (सर्वोच्च मुहूर्त)- शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 18 मिनट तक. इस दौरान आपको लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए करीब 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा.

    क्यों 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी दिवाली?
    इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है. कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर दोपहर 03:44 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर शाम 05:54 समाप्त होगी. लेकिन प्रदोष काल और निशीत काल के कारण दीपावली का शुभ त्योहार 20 अक्टूबर दिन सोमवार को बनाना ही उचित होगा. इसलिए गोवर्धन पूजा दिवाली के दूसरे दिन न मनाकर तीसरे दिन यानी 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

    दीवाली का धार्मिक महत्व
    दीवाली, प्रकाश और खुशियों का पर्व है। यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की स्मृति में दीप जलाए जाते हैं। घरों को सजाया जाता है, दीप जलाए जाते हैं और मां लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
             यह पर्व केवल बाहरी रोशनी का नहीं, बल्कि मन के अंधकार को दूर कर नई आशा और सकारात्मकता जगाने का संदेश देता है। दीवाली का अर्थ है। अपने जीवन में उजाला फैलाना और प्रेम, सद्भाव तथा समृद्धि का स्वागत करना।