• व्यापारियों से वसूली, निबटे लेबर इंस्पेक्टर

    बलौदाबाजार/रायपुर, 28 सितंबर 2025। दीपावली की रौनक के बीच बलौदाबाजार के व्यापारिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से चर्चा तेज थी — 'श्रम विभाग के कुछ अधिकारी दुकानदारों से पैसा वसूल रहे हैं.' यह चर्चा धीरे-धीरे शिकायतों में बदली, और फिर मामला सीधे कलेक्टर दीपक सोनी तक पहुंच गया. अब उसी प्रकरण में जिला प्रशासन और श्रम विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रम निरीक्षक रामचरण कौशिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
             कलेक्टर द्वारा गठित जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह पाया गया कि श्रम निरीक्षक रामचरण कौशिक ने ' गुमाश्ता लाइसेंस और महिला उत्पीड़न जांच समिति' बनाए जाने के नाम पर व्यापारियों से कथित रूप से अवैध वसूली की थी. जांच में सामने आया कि दीपावली से पहले श्रम विभाग के अधिकारी शहर में घूम-घूमकर दुकानदारों से रुपये ले रहे थे. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद श्रमायुक्त, छत्तीसगढ़ ने इस पर सख्त रुख अपनाया और तत्काल आदेश जारी कर रामचरण कौशिक को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत निलंबित कर दिया.

    जांच की शुरुआत ऐसे हुई
    इस मामले की शुरुआत 25 अक्टूबर को हुई थी, जब व्यापारियों से अवैध वसूली की शिकायतें मीडिया में चली और अलग-अलग माध्यमों से जिला प्रशासन तक पहुंचीं. कलेक्टर दीपक सोनी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसी दिन एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी. इसमें एसडीएम बलौदाबाजार को अध्यक्ष, मुख्य नगरपालिका अधिकारी बलौदाबाजार और सहायक श्रम पदाधिकारी को सदस्य बनाया गया था. समिति ने तुरंत जांच शुरू की और मात्र दो दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें श्रम निरीक्षक रामचरण कौशिक की भूमिका संदिग्ध पाई गई. 

    कलेक्टर ने कहा — भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
    कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा, "किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा यदि जनता से अवैध वसूली की जाती है, तो यह न केवल भ्रष्टाचार है बल्कि प्रशासन की साख पर भी आंच डालता है. इसलिए इस तरह के मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी. जिला प्रशासन का उद्देश्य पारदर्शिता और जनविश्वास बनाए रखना है." उन्होंने बताया कि जांच समिति ने पर्याप्त साक्ष्य के साथ रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद श्रम विभाग को तुरंत कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी.

    निलंबन के बाद आगे क्या होगा 
    श्रम निरीक्षक रामचरण कौशिक के निलंबन के बाद अब विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू होगी. निलंबन अवधि के दौरान उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और उनका मुख्यालय श्रमायुक्त कार्यालय, नवा रायपुर अटल नगर निर्धारित किया गया है.