• दिख रहे ये 7 संकेत तो समझ लें भगवान शिव आपके साथ हैं, बदलने वाला है जीवन

    रायपुर, 26 जुलाई 2025।हिंदू धर्म में भगवान शिव आध्यात्मिक गुरु, योगी और पुरुष ऊर्जा भी माने जाते हैं। उनसे जुड़ी कई चीजों का आध्यात्मिक महत्व है। कई लोग जो अध्यात्म और योग की राह पर चलते हैं, शिव उनके मार्गदर्शक बनते हैं। तो, आज हम आपको ऐसे ही कुछ खास आध्यात्मिक संकेत बतायेंगे जिससे आपको पता चल पायेगा कि भगवान शिव आपके साथ हैं या नहीं –

    1. जब भी आप ध्यान करेंगे, तो आपको भगवान शिव की ऊर्जा या उनके स्वरूप का कभी न कभी आभास होगा। आपको सपने में भी शिव के नटराज रूप, योगी रूप किसी अन्य दिव्य रूप की झलक अवश्य दिखाई देगी। भगवान शिव की दिव्यता से जुड़ने का एक संकेत यह भी है कि आपको उनसे जुड़ी चीजें संकेत के रूप में देखने को मिलते है, जैसे कि त्रिशूल दिखना, सर्प दिखना, अर्धचंद्र दिखना, विभूति दिखना या उनका वैरागी भाव दिखना। भगवान शिव के इन सभी संकेतों के आध्यात्मिक महत्व हैं।

    2. शिव के सानिध्य में आपके अंदर आध्यात्मिक बदलाव शुरु हो जाते हैं। आपको असीम शांति महसूस होने लगती है। आपकी आध्यात्मिक समझ और खुद के प्रति जागरुकता बढ़ने लगती है। आप पूर्णता की ओर बढ़ने लगते हैं और उस उच्च ऊर्जा शक्ति से कनेक्ट करने के लिए खुद को जागृत करने लगते हैं। कुंडलिनी का जागृत होना भी भगवान शिव की ऊर्जा के करीब ही ले जाता है।

    3. भगवान शिव संहारकर्ता माने जाते हैं। जब आपके अंदर बुराईयों का, नकारात्मकता का और डर का नाश होने लगे और आप सही मार्ग पर चलने लगे, तो समझ लें कि भगवान शिव का हाथ आपके ऊपर है।

    4. जब आपका आंतरिक ज्ञान और अनुभव बढ़ने लगे, तो इसे भी एक संकेत समझें। जैसे-जैसे आप भगवान शिव के और करीब पहुंचेंगे, आपमें संदेह का भाव खत्म होता जायेगा और आपको अपने अंतर्मन की आवाज सुनाई देने लगेगी। आपको अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए उनका मार्गदर्शन मिलता जायेगा।

    5. भगवान शिव की उपस्थिति आपको आत्मज्ञान देती है। आप अपने फोकस और स्पष्टता में गहरे बदलाव का अनुभव करते हैं। आपकी चेतना जाग जाती है, विकर्षण दूर हो जाते हैं और आप उच्च सत्य की खोज की ओर प्रेरित होते हैं।

    6. भगवान शिव की दिव्यता के साथ आप प्रकृति के और करीब हो जाते हैं। हर जीवों के प्रति आपकी करुणा और आत्मीयता बढ़ जाती है। आप ब्रह्मांस में मौजूद हर जीव, आत्मा और ऊर्जा के प्रति सजग हो जाते हैं। आप संपूर्ण सृष्टि को अपना घर मानने लगते हैं।

    7. आध्यात्मिक यात्रा में शिव से जुड़े कई ऐसे अभ्यास हैं जिसे आध्यात्मिक लोग करते हैं, जैसे उनसे जुड़े मंत्रों का जाप करना। आपकी जागरुकता और रुचि भी शिव से जुड़ी पूजा और अभ्यासों में बढ़ जायेगी।
    (डिस्क्लेमर: उपरोक्त मान्यताएं पूर्णतः धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है, यह 'आज की आवाज़' की निजी राय नहीं है।)