राष्ट्रपति मुर्मू ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, अक्षयवट और बड़े हनुमान जी का किया दर्शन
सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुंभ में उमड़ रहे आस्था और श्रद्धा के महासागर में सोमवार को महामहिम का भी आगमन हुआ. भारत की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज महाकुंभ में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर पूरी दुनिया को एकता और सामाजिक समरसता का संदेश दिया.
ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की यह विशेष रिपोर्ट :--
प्रयागराज/ हैदराबाद, 10 फरवरी, 2025. श्रद्धा और आस्था के इस महापर्व महाकुंभ में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने पूरे परिवार के साथ मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था एवं पुण्य की डुबकी लगाई. साथ ही पूरी दुनिया को एकता तथा सामाजिक समरसता का संदेश दिया. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा औद्योगिक प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी मौजूद रहे.
राष्ट्रपति सुबह करीब 9:15 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंची. वहां पहले से मौजूद राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने उनका अभिवादन किया. वहां से राष्ट्रपति अरैल पहुंची और बाद में वे क्रूज से संगम पहुंची. राष्ट्रपति ने सबसे पहले त्रिवेणी जल को स्पर्श करते हुए अपनी श्रद्धा प्रकट की और पवित्र जल में फूल माला और नारियल अर्पित कर राष्ट्र की समृद्धि और शांति की कामना की. इसी क्रम में राष्ट्रपति ने संगम में एक के बाद एक कई डुबकियां लगाई. उन्होंने भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के साथ मां गंगा का पूजन अर्चन किया. पूरे विधान और वैदिक मंत्रो के बीच दुग्धाभिषेक किया एवं अक्षत, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की. राष्ट्रपति ने गंगा आरती भी की.
संगम स्नान एवं पूजन के बाद राष्ट्रपति पहले किला घाट, फिर सड़क मार्ग से महावीर एवं त्रिवेणी मार्ग होते हुए किला में पहुंची और वहां सरस्वती कूप, अक्षयवट व पातालपुरी में दर्शन पूजन किया. कभी 1 बजे राष्ट्रपति बड़े हनुमान जी मंदिर में दर्शन पूजन किया और आरती उतारी. बाद में सेक्टर तीन स्थित यमुना संकुल में उनका कार्यक्रम आरक्षित रहा. इसी क्रम में द्रौपदी मुर्मू करीब 3:30 बजे डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का अवलोकन किया. इस दौरान संगम नोज पर सभी दूसरे मोटर बोट और अन्य नौकाओं को रोक दिया गया था. पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया था.
