डॉ. के. पी. यादव दूसरी बार मैट्स विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त
प्रोफेसर के.पी. यादव तीसरी बार कुलपति बने हैं। कंप्यूटर साइंस में बीटेक, एमटेक और डॉक्टरेट ऑफ साइंस की उपाधि लेने के बाद सहायक प्राध्यापक से लेकर कुलपति तक डॉ. यादव के पास 30 वर्षों का लंबा अकैडमिक अनुभव है। डॉ. यादव प्रख्यात शिक्षाविद के साथ-साथ एक अच्छे लेखक भी हैं। उन्होंने 54 किताबें लिखी है।
रायपुर, 12 अक्टूबर 2025। प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. के. पी. यादव को मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर का लगातार दूसरी बार कुलपति नियुक्त किया गया है। राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष रामेन डेका ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2005 की धारा 17 की उपधारा (1) में प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए डॉ. यादव को कुलपति नियुक्त किया है। डॉ. यादव के लगातार दूसरी बार कुलपति नियुक्त होने पर उनकी शुभचिंतकों एवं मैट्स विश्वविद्यालय परिवार ने शुभकामनाएं प्रेषित की है।
इससे पहले डॉ. के. पी. यादव राजस्थान के संगम विश्वविद्यालय भीलवाड़ा के कुलपति रह चुके हैं। इस तरह वे तीसरी बार कुलपति बने हैं। डॉ. यादव को अकैडमिक का 30 वर्ष का लंबा अनुभव है। बीटेक और एमटेक के बाद डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि लेने के बाद 1996 में डॉ. यादव ने बतौर सहायक प्राध्यापक अकैडमिक कैरियर की शुरुआत की। फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हमेशा आगे बढ़ते रहे। फिर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दी। वे एनसीआर इंस्टीट्यूशन में 8 वर्षों तक डायरेक्टर रहे।
डॉ. यादव को पीएचडी, पोस्ट डॉक्टरेट डीएससी और डी. लिट् करने के साथ लाइफ एवं हेल्थ साइंस, मैनेजमेंट, ह्यूमिनिटी, एजुकेशन, एग्रीकल्चर एवं कानून जैसे कई विषयों पर डॉक्टरेट एवं मानद उपाधि प्राप्त हुई है। उनके पास 25 से ज्यादा देशों के छात्रों को पढ़ाने का अनुभव है। वे देश के कई विश्वविद्यालयों के कार्य परिषद के सदस्य हैं। राष्ट्रपति ने उन्हें भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान त्रिचनापल्ली और केंद्रीय विश्वविद्यालय नागालैंड के लिए नामित किया है। देश के विभिन्न उच्च शैक्षणिक संस्थानों के वे बोर्ड मेंबर के रूप में कार्य कर चुके हैं। यूपीएससी को भी उन्हें अपनी उन्होंने अपनी सेवाएं दी है।
प्रोफेसर केपी यादव की शैक्षणिक उपलब्धियां इतनी बड़ी है कि उन सभी का यहां जिक्र करना संभव नहीं है। देश के कई ब्यूरोक्रेट्स एवं टेक्नोक्रेट्स ने उनके मार्गदर्शन में पीएचडी, डी. लिट् एवं रिसर्च किए हैं। डॉ. यादव उचित मार्गदर्शन देने के कारण छात्रों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं। डॉ. यादव अपने नित- नए नवाचारों के लिए भी जाने जाते हैं। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने मैट्स विश्वविद्यालय में कई नई फैकल्टी भी खोले हैं। डॉ. यादव प्रख्यात शिक्षाविद के साथ-साथ एक अच्छे लेखक भी हैं। उन्होंने करीब 54 किताबें लिखी हैं। हाल ही में लंदन स्कूल ऑफ डिजिटल बिजनेस ने उन्हें बेस्ट वाइस चांसलर 2025 का अवार्ड दिया है।